-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
( कुण्डलियां )जो मीठी बातें करें, बनते उनके काम।
मीठे मीठे बोल सुन, बनें सहायक वाम।।
बनें सहायक वाम , सहज जीवन हो जाता।।
जायें देष विदेष, सहज मे बनता नाता।।
ठकुरेला’ कवि कहें, सुखद दिन, भीनी रातें।।
जीवन रस से भरे, करें जो मीठी बातें।।
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