रोटी रोटी की जगह, अपनी जगह खदान।
सोने को मिलता नही , रोटी वाला मान।।
रोटी वाला मान, भले मॅंहगा हो सोना।।
रोटी वाला काम, नही सोने से होना।।
ठकुरेला’ कविराय , बैठती कभी न गोटी।।
स्वर्ण सदा ही स्वर्ण, और रोटी है रोटी।।
-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
सोने को मिलता नही , रोटी वाला मान।।
रोटी वाला मान, भले मॅंहगा हो सोना।।
रोटी वाला काम, नही सोने से होना।।
ठकुरेला’ कविराय , बैठती कभी न गोटी।।
स्वर्ण सदा ही स्वर्ण, और रोटी है रोटी।।
-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
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