उपयोगी हैं साथियो, जग की चीज तमाम।
पर यह दीगर बात है, कब किससे हो काम।।
कब किससे हो काम , जरूरत जब पड जाये।।
किसका क्या उपयोग, समझ में तब ही आये।।
ठकुरेला’ कविराय, जानते ज्ञानी योगी।।
कुछ भी नहीं असार, जगत मे सब उपयोगी।।
-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
पर यह दीगर बात है, कब किससे हो काम।।
कब किससे हो काम , जरूरत जब पड जाये।।
किसका क्या उपयोग, समझ में तब ही आये।।
ठकुरेला’ कविराय, जानते ज्ञानी योगी।।
कुछ भी नहीं असार, जगत मे सब उपयोगी।।
-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
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