पीड़ा के दिन ठीक हैं, यदि दिन हों दो चार।
कौंन मीत, मालुम पडे़ , कौन मतलबी यार।।
कौन मतलबी यार, समय पहचान कराता।।
रहे हितैषी साथ , मतलबी पास न आता।।
ठकुरेला’ कविराय, उठाकर सच का बीड़ा।।
हो सब की पहचान, अगर हो कुछ दिन पीड़ा।।
-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
कौंन मीत, मालुम पडे़ , कौन मतलबी यार।।
कौन मतलबी यार, समय पहचान कराता।।
रहे हितैषी साथ , मतलबी पास न आता।।
ठकुरेला’ कविराय, उठाकर सच का बीड़ा।।
हो सब की पहचान, अगर हो कुछ दिन पीड़ा।।
-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
namskar thkurela ji kundli ke shbd vinyaas ati sundar hai.
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