असली नकली की करे, सदा कसौटी जॉंच ।
मालुम होता सहज ही , हीरा है या कॉंच ।।
हीरा है या कांच, देर तक कभी न छलता ।।
कौन मीत, रिपु कौन, समय पर मालुम चलता ।।
‘ठकुरेला’ कविराय , कमर जिसने भी कस ली ।।
हुआ बहुत आसान, जानना नकली असली।।
-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
मालुम होता सहज ही , हीरा है या कॉंच ।।
हीरा है या कांच, देर तक कभी न छलता ।।
कौन मीत, रिपु कौन, समय पर मालुम चलता ।।
‘ठकुरेला’ कविराय , कमर जिसने भी कस ली ।।
हुआ बहुत आसान, जानना नकली असली।।
-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
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